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Heart Touching Ghazal
जब खुशियाँ नहीं मिलती, उसे घर याद आता है
गांव का जब कोई लड़का, शहर में बस जाता है
दिन गुजरता नहीं है, रातें काटने को दौड़ती हैं
शहर की गलियों मे जाके वो कहीं फस जाता है
खुद को समझाता है, फिर भी आँखें भर आती हैं
माँ के हाथों का जब वो प्यार कहीं नहीं पाता है
उसे कोई चाहिए जो उसकी ख़ामोशी को समझे
पर इस भीड़ में उसे कोई और नजर नहीं आता है
ना किसी को चुभता है, ना किसी से बात करता है
दिन भर की भाग-दौड़ से जब वो थक जाता है
Ghazal in Hindi – ये जमाना
ये जमाना कुछ नहीं जानता ये तुझे क्या बताएगा
खुद को इनसे दूर रख, तुझे सब पता चल जाएगा
जो कहता है तुझसे, के वो तेरे बिन रह नहीं सकता
एक कदम उससे पीछे ले के देख, तू समझ जाएगा
अपने सपनों की खातिर, ये दूसरों के सपनों को रौंद देते हैं
जो जितना इनके करीब रहेगा, वो उतना ही रौंदा जाएगा
इनकी बड़ी-बड़ी बातों को,तू लपेटने की कोशिश मत कर
इनकी बातों को याद रखेगा, तो अपने सपनों को भूल जाएगा
तलवारों से ज्यादा धार, तो ये अपनी बातों में रखते हैं
कभी इनकी सच्चाई इन्हे बता के देख, इनका खून खौल जाएगा
अपने गमों को अपने तक रख, दूसरों को अहसास मत करा
वरना इतना जखम देंगे तुझे, तेरा मलहम ख़तम हो जाएगा
ये करीब आते नहीं हैं, जब हाथ में कुछ नहीं होता
छीन ले इनसे अपना हक, वरना अपनों को क्या देके जाएगा
जिन लोगों से तुझे प्यार मिले, कभी उनका दिल मत दुखाना
सिर्फ फितूर से घर बनाएगा तो एक दिन टूट के बिखर जाएगा
आंखों में नमी आए तो खुशियां मनाने की तैयारी करना
जिन जख्मों को आज तू सहेगा, कल वही मलहम बन जाएगा
उस चाँद की तरह तो नहीं हूँ पर मुझमें भी थोड़े दाग हैं
मैं ठोकरे खा के सो नहीं पाया, तू खा के देख जाग जाएगा
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Sad Ghazal In Hindi – कितना दर्द भरा होगा
ना जाने उसके दिल में कितना दर्द भरा होगा
अंदर ही अंदर से वो कितना तड़प रहा होगा
जब उसकी किस्मत, उसका साथ नहीं दे रही होगी
उसे अपना लगने वाले भी उसके खिलाफ रहा होगा
पता नहीं वो खुद से यूँ कब तक लड़ पाएगा
मुस्कुराते हुए, उसकी आंखों से आंसू बह रहा होगा
वो शख्स, जो खुद को ख़तम कर चुका है
अपने कातिल के साथ वो भी कुछ दिन रहा होगा
मिलती नहीं वफायें, तो सबसे मुंह फेर लेते हैं
अपनों का रंग देख के, वो अकेले रह रहा होगा
देख के उसे लोग, पागल कह रहे होंगे
अपनी हालत पे बेचारा, जब मुस्कुरा रहा होगा
Motivational Ghazal – हारना नहीं है तुझे
हारना नहीं है तुझे तू याद रख, चलते जाना है ना कहीं हाथ रख
जीत ना पाए तो टूट मत जाना, हौसला है तो भरोसा भी रख
हर मोड़ पर नए रास्ते आएंगे, हर रास्ते तुझे कुछ सिखाएंगे
उम्मीदें पे तो दुनिया कायम है, तू खुद पे थोड़ा विश्वास भी रख
अधूरी है जिंदगी, तो कभी ना कभी ये पूरी भी हो जाएगी
जो तेरी चाहतों को समझ सकें, बस उन्हीं दिलों पे तू हाथ रख
हँस के गले तो सभी मिलते हैं, उनमें से कुछ खंजर भी साथ रखते हैं
कल को तेरा सब लूट न ले जाए, तो इनसे सब संभाल के रख
झूठ के साये बहुत बड़े हैं, उनकी सच को आंख लगी है
माने न माने ये उनकी मर्जी, तू सिर्फ अपने सच को रख
हालातों से हारा नहीं, फिर किसी और से क्यों डर रहा है
ख्वाब तेरा तुझे मिल जाएगा, बस थोड़ा उन्हें सजा के रख
रुलाने वाले तुझे नहीं हसाएंगें,हँसाना तुझे अपने आपको को है
उनके हँसने की आवाज आ रही है,तो कानों पे अपने हाथ रख
जो तैर रहा है, वो एक दिन समंदर भी पार कर जाएगा
बस उस समंदर में उतरने से पहले, खुद को तू तैयार रख
कभी तू खुद की नहीं सुनेगा, तो तेरी तुझे हाय लगेगी
जिन सपनों से तुझे खुशी मिले, बस उन्हीं को याद रख
कोई तुझे कुछ नहीं देगा, किसी से कोई उम्मीद मत कर
उन्हें कुछ देने से पहले, अपने जरूरतों की चीजें अपने पास रख
Ghazal – मिट्टी का बना हूँ
मिट्टी का बना हूँ, इसी में मिल जाऊँगा
कुछ दिन इंतज़ार कर, मैं तुझमें मिलने आऊँगा
वो लोग तुझे भूलते हैं, जिन्हें तेरी ज़रूरत नहीं
मैं मरने से पहले ही, तुझमें मिल जाऊँगा
जख्मों को खुला छोड़ दूँ, ए मेरी दास्तान है
तू भी कितनी दर्द भरी, बयाँ न कर पाऊँगा
रहने को न छत मिले, न जीने की ख्वाहिश
आसमा से हूँ परे, तुझसे लिपट सो जाऊँगा
किसी की जन्मभूमी, किसी राहगीर की राह तू
मैं जितना दूर जाऊँ तुझसे और करीब हो जाऊँगा
दस्तूर यह है कि, इतिहास नहीं पड़ सकता मैं
काँप जाती है रूह मेरी, मैं भी लाल हो जाऊँगा
अपनों की इस बस्ती में, दिल्लगी नहीं मिलती है
तू भी मेरे बगैर जिया, ये तुझसे मैं कहलवाऊंगा
आंखे मेरी रोती थी, फिर भी मैं हंसता था
मेरे साथ जो गुजरा है तुझे हर वो बात बताऊंगा
जिन से मोहब्बत करता हूं, फिर उनसे बिछड़ जाता हूं
जिस दिन तुझसे मिलूंगा, तुझे छोड़ कहीं नहीं जाऊंगा
Hindi Ghazal -जिसका जो है मुझमें
जिसका जो है मुझमें, आ के मुझसे ले जाएं
मैं ज्यादा देर नहीं रुकूंगा, वो थोड़ा संभल जाए
बंजर जमीन, बहुत ज्यादा सूख गई है
बादलों को कह दो,थोड़ा बरस जाएं
हम प्यार के सिवा, कुछ नहीं दे पाएंगे
जिसको जाना है, वो अभी चले जाएं
जिन्हें किसी से प्यार है,वो इजहार करें
जो टूट चुके हैं, अब वो बिखर जाएं
भटक गए हो, तो किसी का इंतजार कर लो
और जो इंतजार में थे, वो अब आगे बढ़ जाएं
बिखरे ख्वाबों को, फिर से समेट लो
आदतें नहीं बदलती, तो वो खुद बदल जाएं
जिसने जिन आंखों में, प्यार देखा है
वो अब जाके उनके, गले लग जाएं
मोहब्बत, तो किसी को रास नहीं आती
उन आशिकों से कहो, थोड़ा संभल जाएं
कभी जिसके लिए तुम तरसे हो
दुआ करूंगा, वो तुम्हारे लिए तरस जाएं
Ghazal – बस कर ज़िंदगी
बस कर ज़िंदगी, और कितना सताएगी
हर रोज़ तो तड़पता हूँ, और कितना तड़पाएगी
देख मेरे चारों तरफ, धुंआ ही धुंआ है
अब क्या मुझे, मेरे राहों से भी भटकाएगी
तेरे दिए जख्मों पे, मरहम लगा रहा हूँ
ज़ख़्म अभी ताज़े ही हैं, क्या जान से मरवाएगी
मेरे यार भी, अब मुझसे दूर रहते हैं
परछाई साथ है, अब क्या उसे भी भड़काएगी
मेरे खिलाफ साजिश, तो तू रोज़ करती है
कभी साथ तो दिया नहीं, अब क्या हाथ बढ़ाएगी
कुछ पल तो खुश रहता हूँ, दूजे पल सब छीन लेती है
कभी सुकून तो दिया नहीं, अब क्या पैरों से कुचलवाएगी
घर और ख़्वाब तो कब के नीलम हो चुके हैं
टुटा ही सही, दिल है, अब क्या उसे भी नीलम कराएगी
हद कर दी तूने, मेरा हक़ भी तूने ले ली
किसी और से मुझे, कुछ तू अब क्या दिलवाएगी